भारत में स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स ईएमआई पर खरीदना आज एक आम चलन बन चुका है। लेकिन हाल ही में इस मुद्दे ने लोगों का ध्यान खींचा है कि क्या भविष्य में ईएमआई समय पर न चुकाने पर आपका स्मार्टफोन लॉक किया जा सकता है? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस पर विचार कर रहा है, और यही कारण है कि यह चर्चा अब हर जगह जोर पकड़ रही है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को विस्तार से।
ईएमआई और स्मार्टफोन मार्केट की हकीकत
भारत में लगभग एक-तिहाई उपभोक्ता स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स ईएमआई पर खरीदते हैं। इसका सीधा मतलब है कि करोड़ों लोग हर महीने किश्तों पर निर्भर रहते हैं। हालांकि, छोटे-छोटे लोन पर डिफॉल्ट यानी किश्त न चुकाने की समस्या लगातार बढ़ रही है। इसीलिए आरबीआई इस पर नई नीति पर विचार कर रहा है ताकि उपभोक्ताओं और लेंडर्स दोनों के हित सुरक्षित रह सकें।
क्या सच में लॉक होगा आपका फोन?
रिपोर्ट्स के अनुसार, आरबीआई इस पर मंथन कर रहा है कि अगर ग्राहक समय पर ईएमआई न चुकाए तो लेंडर्स को रिमोटली फोन लॉक करने का अधिकार दिया जाए। हालांकि, अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। गवर्नर और डिप्टी गवर्नर दोनों ने स्पष्ट किया है कि उपभोक्ता अधिकार, डेटा गोपनीयता और लेंडर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय
फाइनेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह व्यवस्था लागू होती है तो इसकी अनुमति लोन एग्रीमेंट साइन करते समय लेनी होगी। संभव है कि ग्राहकों के फोन में पहले से ही एक विशेष “डिवाइस लॉक ऐप” इंस्टॉल किया जाए, जो ईएमआई चूकने पर फोन को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर सके। हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि मौजूदा कानूनों में इस तरह के कदम के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं हैं, जिससे यह मामला फिलहाल असमंजस में है।
लाभ और चुनौतियाँ
अगर यह नियम लागू होता है तो इससे लेंडर्स को राहत मिलेगी और जानबूझकर ईएमआई न चुकाने वाले ग्राहकों पर अंकुश लगेगा। इससे छोटे कंज्यूमर लोन में डिफॉल्ट की दर कम हो सकती है। लेकिन दूसरी ओर, इसमें उपभोक्ता अधिकार और डेटा गोपनीयता जैसे गंभीर मुद्दे भी जुड़े हैं। अगर पारदर्शिता और सहमति के बिना फोन लॉक करने का अधिकार दिया गया तो यह ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है।
निष्कर्ष
अभी तक यह केवल एक प्रस्ताव है और इस पर चर्चा चल रही है। अंतिम निर्णय आने में समय लग सकता है। लेकिन इतना तय है कि यह कदम अगर लागू होता है तो भारत में ईएमआई आधारित स्मार्टफोन मार्केट पर बड़ा असर पड़ेगा। ग्राहकों को सतर्क रहकर लोन समझौते की शर्तों को ध्यान से पढ़ना होगा। वहीं, लेंडर्स को भी उपभोक्ता अधिकारों और गोपनीयता का सम्मान करते हुए ही आगे बढ़ना होगा।
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