145 मिनट में टाटा की इस कंपनी को लगा 9,800 करोड़ का झटका, निवेशकों ने देखा अनोखा यू-टर्न

भारतीय शेयर बाजार में रोज़ाना उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है, लेकिन टाटा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शेयरों में शुक्रवार को जिस तरह का अप्रत्याशित बदलाव हुआ, उसने निवेशकों को चौंका दिया। कुछ ही घंटों में कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को बड़ी उम्मीद भी दी और भारी निराशा भी। महज़ 145 मिनट के भीतर कंपनी की वैल्यूएशन में करीब 9,800 करोड़ रुपए का झटका लगा।

शुरुआती तेजी से उम्मीदें बढ़ीं

दिन की शुरुआत टाटा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के लिए बेहद मजबूत रही। शेयर 10,500 रुपए से ऊपर खुलते ही तेजी से उछले और कुछ ही समय में 11,800 रुपए से ज्यादा के स्तर पर पहुंच गए। यह कंपनी के लिए 52 हफ्तों का रिकॉर्ड हाई था। शुरुआती 45 मिनट में करीब 12 फीसदी की तेजी ने यह संकेत दिया कि शायद यह उछाल पूरे दिन जारी रहेगा और निवेशकों को भारी मुनाफा मिलेगा।

अचानक आई बड़ी गिरावट

लेकिन इस उम्मीद के बीच निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। धीरे-धीरे बिकवाली का दबाव इतना बढ़ा कि शेयर अपने उच्चतम स्तर से करीब 16 फीसदी टूट गए। देखते ही देखते शेयर 9,900 रुपए के आसपास आ गए। यानी जिस तेजी से भाव ऊपर गए थे, उतनी ही तेजी से नीचे भी आ गए। इस झटके ने निवेशकों को हैरान कर दिया और बाजार में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी।

मार्केट कैप में भारी नुकसान

शेयर की इस गिरावट का सीधा असर कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन पर भी पड़ा। रिकॉर्ड स्तर पर कंपनी का मार्केट कैप लगभग 59,900 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। लेकिन गिरावट के बाद यह घटकर करीब 50,000 करोड़ रुपए रह गया। यानी महज़ ढाई घंटे में कंपनी की वैल्यूएशन में लगभग 9,800 करोड़ रुपए की कमी हो गई। यह किसी भी बड़ी कंपनी के लिए बेहद बड़ा झटका माना जाता है।

जानकार क्या कहते हैं?

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी तेज गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों की मुनाफावसूली रही। चूंकि शेयर पहले से ही ऊंचे स्तर पर चल रहा था, इसलिए जैसे ही कीमत नई ऊंचाई पर पहुंची, निवेशकों ने अपने लाभ सुरक्षित करने के लिए शेयर बेचने शुरू कर दिए। यही वजह रही कि बाजार में भारी दबाव देखने को मिला। हालांकि, लंबे समय के निवेशकों के लिए यह उतार-चढ़ाव सामान्य माना जाता है और विशेषज्ञ कहते हैं कि कंपनी की बुनियादी स्थिति मजबूत है।

निष्कर्ष

टाटा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शेयरों में शुक्रवार को देखा गया यह उतार-चढ़ाव निवेशकों के लिए एक सीख है कि शेयर बाजार में हर समय सतर्क रहना जरूरी है। तेजी और गिरावट दोनों ही बाजार का हिस्सा हैं। अल्पकालिक निवेशकों के लिए यह घटना बड़ा झटका हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक नजरिए से कंपनियों की नींव और उनके कारोबार पर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण होता है।

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