भारत का पैकेज्ड वॉटर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और अब इसमें देश के सबसे बड़े बिज़नेसमैन मुकेश अंबानी की एंट्री होने वाली है। कम कीमत पर बोतलबंद पानी देने की रणनीति ने पहले ही सॉफ्ट ड्रिंक्स के क्षेत्र में कंपनियों को चौंका दिया था और अब वही तरीका पानी के कारोबार में अपनाया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या रिलायंस की इस चाल से मौजूदा बड़े ब्रांड्स को मुश्किलें झेलनी पड़ेंगी?
पैकेज्ड वॉटर मार्केट का बढ़ता कारोबार
आज पैकेज्ड पानी सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे कस्बों और गांवों तक अपनी पकड़ बना चुका है। देश में इसका कारोबार लगभग 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और हर साल इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। गर्मी और स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती जागरूकता ने भी इस उद्योग को रफ्तार दी है। ऐसे में रिलायंस का इसमें उतरना कोई साधारण कदम नहीं है, बल्कि यह पूरे मार्केट को बदल सकता है।
कैंपा श्योर: सस्ती कीमत में मिनरल वॉटर
रिलायंस ने अपने नए ब्रांड कैंपा श्योर के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करने की योजना बनाई है। बाजार में जहां 1 लीटर की बोतल लगभग 20 रुपये में बिकती है, वहीं कैंपा श्योर इसे मात्र 15 रुपये में देगा। इतना ही नहीं, 2 लीटर का पैक सिर्फ 25 रुपये में मिलेगा। कंपनी छोटे पैक भी लॉन्च करेगी जिनकी शुरुआती कीमत सिर्फ 5 रुपये होगी। इस वजह से यह ब्रांड ग्रामीण और मध्यम वर्ग के ग्राहकों को बड़ी आसानी से अपनी तरफ खींच सकता है।
साझेदारी का नया मॉडल
रिलायंस इस प्रोजेक्ट को केवल अपने दम पर नहीं बल्कि देशभर की स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर आगे बढ़ा रही है। इन साझेदारियों के तहत बोतलबंदी, तकनीक और ब्रांडिंग में सहयोग मिलेगा। इससे छोटे कारोबारियों को भी विकास का मौका मिलेगा और गैर-मानक या नकली पानी बेचने वाली कंपनियों पर लगाम लगेगी। इस कदम से स्थानीय स्तर पर रोजगार और भरोसे दोनों में इजाफा होगा।
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मौजूदा ब्रांड्स पर असर
आज पैकेज्ड वॉटर इंडस्ट्री में बिसलेरी, किन्ले और एक्वाफिना जैसे बड़े नाम हावी हैं। लेकिन रिलायंस की एंट्री इनके लिए चुनौती बन सकती है। खासकर तब, जब हाल ही में सरकार ने पैकेज्ड वॉटर पर लगने वाला जीएसटी घटाकर 18% से 5% कर दिया है। ऐसे समय पर सस्ता विकल्प ग्राहकों को और ज्यादा आकर्षित कर सकता है।
क्यों है यह कदम अहम?
रिलायंस पहले से ही ‘इंडिपेंडेंस’ नाम से एक और ब्रांड चला रही है, लेकिन कैंपा श्योर को खास तौर पर सस्ता और आम आदमी तक पहुंचने वाला बनाया गया है। कंपनी का मानना है कि अलग-अलग बिक्री प्लेटफॉर्म्स के लिए अलग ब्रांड की जरूरत होती है। यही वजह है कि दुकानों, मॉल्स और ग्रामीण इलाकों के लिए कंपनी ने अलग-अलग रणनीति बनाई है।
निष्कर्ष
मुकेश अंबानी की इस नई चाल से पैकेज्ड वॉटर मार्केट में बड़ी हलचल मच सकती है। कम कीमत, स्थानीय कंपनियों से साझेदारी और सही समय पर लॉन्चिंग, सभी कारक इस ब्रांड को मजबूत बनाते हैं। अब देखना होगा कि ग्राहक इसका कितना स्वागत करते हैं और मौजूदा दिग्गज कंपनियां इस चुनौती का सामना कैसे करती हैं।
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